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Hamirpur News: हमीरपुर में अधिकारियों की लापरवाही से कई क्विंटल भूसा सड़ा… भूखे मर रहे गोवंश

पंकज मिश्रा, हमीरपुर
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में छुट्टा गोवंश की समस्या को लेकर बनाई गई गोशालाएं यहां रामभरोसे चल रही हैं। गोशालाओं में बंद हजारों मवेशियों के लिए भूसा और चारे के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं तो कहीं गोशालाओं में रखा कई कुंतल भूसा बारिश की भेंट चढ़ चुका है। गोशालाओं में अव्यवस्था के कारण तमाम मवेशी मर भी चुके हैं, जबकि करीब पचास हजार मवेशी गोशालाओं के बाहर छुट्टा घूम रहे हैं, जिनसे किसान परेशान हैं।

जिले में तीन सौ तीस ग्राम पंचायतें हैं। जिनमें अभी तक तीन सौ बाइस ग्राम पंचायतों में ही अस्थायी गोशालाएं चल रही हैं। इसके अलावा नगरी इलाकों में भी अनेक गोशालाएं चालू की गई हैं। यहां मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एके यादव ने बताया कि गोशालाओं में 32,600 गोवंश रखे गए हैं। जिनके लिए कुछ साल पहले शासन से एक करोड़ से अधिक रुपये का फंड भूसा क्रय करने के लिए मिला था। इस फंड से गोशालाओं में भूसा की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष ग्राम पंचायतों से डिमांड होने पर बजट की मांग शासन से की जाएगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल गोशालाओं में पर्याप्त चारा भूसा की व्यवस्था है। बताया कि जिले में अभी भी 32 हजार आवारा गोवंश बाहर घूम रहे हैं, जिनके संरक्षण के लिए कार्रवाई होगी।

गोवंश के लिए गोशाला में रखा कई कुंतल भूसा बारिश से भीगकर सड़ा
जिले के मुस्करा ब्लॉक के न्यूरिया गांव में बनी गोशाला अधिकारियों की उदासीनता से बदहाल है। यहां गोवंश के लिए कई कुंतल भूसा स्टाक किया गया था, लेकिन देख-रेख न किए जाने से बारिश के पानी से भीगकर भूसा सड़ गया है। अब यहीं सड़ा भूसा गोवंश के सामने रखा जा रहा है, जिसे गोवंश भी नहीं खा रहे हैं। प्रधान और सचिव ने बारिश से पूर्व भूसे का स्टाक तो किया, लेकिन उसे भीगने से बचाने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं हुए। जिससे गोशालाओं में रखा भूसा बर्बाद हो गया। ग्राम प्रधान अंजू ने बताया कि भूसा बचाने के लिए फिर से प्लास्टिक की पन्नी डाली गई है। इधर सीवीओ अखिलेश कुमार यादव ने बताया कि यह मामला अब अधिकारियों के संज्ञान में है और प्रकरण की जांच कराई जाएगी।

ग्राम पंचायतों में करोड़ों रुपये के फंड से बनी गोशालाएं बनी मजाक
छुट्टा मवेशियों की समस्या को लेकर साढ़े तीन साल पहले योगी सरकार के निर्देश पर गो संरक्षण केन्द्र बनाए जाने की महत्वाकांक्षी योजना का आगाज हुआ था। जिसमें तीन सौ तीस ग्राम पंचायतों में ये संरक्षण केन्द्र बनाए जा रहे हैं। जिले के राठ क्षेत्र के जखेड़ी गांव में 1.20 करोड़ रुपये की धनराशि से गोशाला बनवाई गई, जबकि वर्ष 2018-19 में मौदहा में गोशाला का निर्माण हुआ। पिछले साल भी शासन से मंजूरी के बाद हमीरपुर के मुस्करा क्षेत्र के दामूपुरवा गांव में गोशाला बनवाई गई है। या जा रहा है। वहीं इस वित्तीय वर्ष में भी मुस्करा क्षेत्र के छानी बांध गांव में गोशाला बनाने का काम शुरू हुआ है। इसके लिए पशुपालन विभाग ने जगह भी फाइनल कर ली है।

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गोवंश के लिए चारागाह का विकास न करने पर कई अफसरों पर कार्रवाई
डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने गोवंश के लिए चारागाह का विकास न कराए जाने पर बीडीओ समेत कई पशु चिकित्साधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी की है। डीएम ने बताया कि छुट्टा गोवंश के लिए ग्राम पंचायतों में चारागाह का विकास नहीं कराए जाने पर जिले के बीडीओ और पशु चिकित्साधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। बताया कि चारागाह का विकास करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। जिसके लिए ग्राम पंचायतों में एक हेक्टेयर से अधिक जमीन को चिह्नित कर उसमें चारागाह का विकास करने के लिए सभी बीडीओ को निर्देश पूर्व में जारी हुए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी।