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प्रतापगढ़ : आतंकी कनेक्शन के शक में मछली विक्रेता को गिरफ्तार कर दिल्ली ले गई एटीएस

आतंकी कनेक्शन के शक में महेशगंज थाना क्षेत्र के डिहवा जलालपुर से यूपी एटीएस की टीम मछली विक्रेता इम्तियाज उर्फ कल्लू को गिरफ्तार कर दिल्ली ले गई, जहां उससे पूछताछ चल रही है। परिवारवालों को गांव के एक व्यक्ति के माध्यम से सूचना भेजी गई कि कल्लू को दिल्ली स्थित एटीएस के कार्यालय में रखा गया है। एटीएस की कार्रवाई से जनपद में हड़कंप मचा हुआ है।

डिहवा जलालपुर निवासी इम्तियाज मुंबई में सिलाई का काम करता था। करीब डेढ़ साल पहले कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में वह गांव आ गया। यहां वह बकरी, मुर्गी व मछली पालन का कारोबार करने लगा। मंगलवार की सुबह यूपी एटीएस टीम के दो सदस्य उसके घर पहुंचे और इम्तियाज के बारे में पूछताछ करने के बाद उसे बुलाया। बातचीत के बाद पुलिसकर्मियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। घर की तलाशी के दौरान पांच मोबाइल, राशनकार्ड, आधारकार्ड, बैंक पासबुक, दस हजार रुपये समेत अन्य अभिलेख कब्जे में लेकर चले गए।

हालांकि एटीएस की टीम ने गांव के एक व्यक्ति के पास फोन कर परिवार के लोगों को यह जानकारी देने के लिए कहा कि इम्तियाज को लोदी कालोनी दिल्ली स्थित एटीएस कार्यालय लाया गया है। यदि उसके बारे में कोई जानकारी चाहते हैं तो परिवार के लोगों को यहां भेज दें। यूपी एटीएस आशंका जता रही कि कल्लू के तार आतंकियों से जुड़े हो सकते हैं। उससे पूछताछ चल रही है। टेरर फंडिंग में भी उसके शामिल होने की चर्चा थी। पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि एटीएस की टीम शंका के आधार पर मछली विक्रेता को ले गई है। एहतियात के तौर पर गांव के हालात पर नजर रखी जा रही है।

टेरर फंडिंग के लिए मजदूरों के नाम खुलवाए गए थे खाते
जनपद में पहले भी आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोग एटीएस के हत्थे चढ़ चुके हैं। आतंकियों को फंडिंग करने के लिए मजदूरों के खाते तक खुलवाए गए थे। नगर कोतवाली के भगेसरा, पृथ्वीगंज समेत आसपास के गांवों में 24 मार्च 2018 को यूपी एटीएस ने छापा मारा था। एटीएस टीम भगेसरा के रहने वाले संजय सरोज व उसके साथी नीरज मिश्रा समेत पांच लोगों को उठा ले गई थी। बाद में एटीएस ने संजय के ऊपर टेरर फंडिंग का आरोप तय करते हुए जेल भेज दिया था। हालांकि संजय सरोज जेल से छूटकर घर आ चुका है। उसने बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से ईट भट्ठा मजदूर के खाते खुलवाए थे। उस खाते में भी रुपये आते थे।

कार्रवाई से हर कोई हैरान
आतंकी कनेक्शन की शंका में एटीएस के हत्थे चढ़े इम्तियाज उर्फ कल्लू ने लॉकडाउन में मुंबई से घर आकर मछली पालन के लिए तालाब खुदवाया। बकरी पालन का भी कारोबार शुरू किया। वह मुर्गी पालन का भी काम करने लगा। उसकी पत्नी मदीना उसके काम में हाथ बंटाती थी। एटीएस की कार्रवाई के बाद इलाके के लोग हैरान हैं। बुधवार को ग्रामीणों की भारी भीड़ मामले की हकीकत जानने के लिए उसके घर पहुंची। गांव के कुछ लोग उसके बारे में पता करने के लिए महेशगंज थाने पर पहुंचे, मगर वहां से कोई जानकारी नहीं मिली। पिता मुमताज भी बेटे की गिरफ्तारी से हैरान हैं। वह कुछ समझ नहीं पा रहे हैं।

मुंबई से तो नहीं जुड़ा है आतंकी कनेक्शन
डिहवा जलालपुर निवासी इम्तियाज उर्फ कल्लू की शादी वर्ष 2003 में मदीना के साथ हुई थी। शादी के पहले से ही कल्लू मुंबई में सिलाई की कंपनी में काम कर रहा था। सालभर के भीतर अवकाश लेकर घर आता था। ग्रामीणों में इस बात की चर्चा होती रही कि कहीं मुंबई में रहने के दौरान तो कल्लू किसी आतंकी गतिविधि में संलिप्त व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया था। छानबीन के बाद एटीएस उसे खोजते हुए डिहवा तक पहुंची हो। इस बात की भी चर्चा होती रही कि मुंबई में रहने के दौरान वह किसी से बातचीत करता रहा हो। फिलहाल एटीएस की पूछताछ के बाद ही कल्लू की गिरफ्तारी की हकीकत सामने आ सकेगी।

टेरर फंडिंग के लिए मजदूरों के नाम खुलवाए गए थे खाते
जनपद में पहले भी आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोग एटीएस के हत्थे चढ़ चुके हैं। आतंकियों को फंडिंग करने के लिए मजदूरों के खाते तक खुलवाए गए थे। नगर कोतवाली के भगेसरा, पृथ्वीगंज समेत आसपास के गांवों में 24 मार्च 2018 को यूपी एटीएस ने छापा मारा था। छापा मारने के दौरान टीम भगेसरा के रहने वाले संजय सरोज व उसके साथी नीरज मिश्रा समेत पांच लोगों को उठा ले गई थी।

बाद में एटीएस ने संजय के ऊपर टेरर फंडिंग का आरोप तय करते हुए जेल भेज दिया था। हालांकि संजय सरोज जेल से छूटकर घर आ चुका है। उसने बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से ईट भट्ठा मजदूर के खाते खुलवाए थे। उस खाते में भी रुपये आते थे। कार्रवाई के करीब छह साल पहले संजय पंजाब से आकर अपने परिवार वालों के साथ रहने लगा था। संजय अपनों पर रुपये पानी की तरह उड़ाता था। यहां तक कि छानबीन में उसके पास विदेशी काल आने की भी बात सामने आई थी। हालांकि अब तो पुलिस भी उस पर नजर तक नहीं रखती।