बनारस में एसटीएफ के द्वारा मुठभेड़ में मारे गए एक लाख का इनामी दीपक वर्मा प्रयागराज से भी वांछित था। नैनी जेल शूटआउट मामले में पुलिस उसकी खोजबीन कर रही थी। इसके अलावा उसके खिलाफ दो दर्जन मुकदमें दर्ज थे। उसकी गिनती पूर्वांचल के टॉपटेन बदमाशों में की जाती थी। काफी समय से एसटीएफ और पुलिस की कई टीमें उसकी खोजबीन में लगी थीं। प्रयागराज पुलिस भी नैनी शूटआउट कांड में उसका नाम आने के बाद उसकी धरपकड़ लिए प्रयासरत थी। दीपक वर्मा का पूर्वांचल में सिक्का चलता था। उसकी गिनती पूर्वांचल के टॉपटेन बदमाशों में की जाती थी।
बता दें कि वाराणसी में एसटीएफ ने सोमवार की दोपहर को मुठभेड़ में एक लाख के इनामी बदमाश को ढेर कर दिया गया। मारा गया बदमाश दीपक वर्मा बनारस सहित आसपास के जिलों में आतंक का पर्याय बन चुका था। चौबेपुर थाना क्षेत्र के बरियासनपुर गांव में बदमाश और एसटीएफ के बीच चोली गोलीबारी में इनामी मारा गया है।
वसूलता था रंगदारी
चिकित्सकों से रंगदारी वसूलने और सराफा कारोबारियों में दहशत का दूसरा नाम दीपक वाराणसी के लक्सा थाना क्षेत्र के रामापुर नई बस्ती का निवासी था। वह पिछले चार-पांच साल से फरार चल रहा था। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी।
वाराणसी समेत आसपास जिलों में 23 मुकदमे दर्ज थे। यूपी एसटीएफ वाराणसी इकाई के डिप्टी एसपी शैलेश सिंह की टीम को बदमाश के बारे में वहां होने की जानकारी हुई। टीम के पहुंचते ही दीपक ने खुद को घिरता देख फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान मुठभेड़ में एसटीएफ ने उसे मार गिराया।
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