Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

इतनी बड़ी आबादी में चैम्पियंस ढूंढना मुश्किल नहीं, खेल को करियर ऑप्शन बनाने की जरूरत: गावस्कर

Default Featured Image

क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार सुनील गावस्कर ने कहा कि भारत में खेल को सस्ता बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत के स्कूल पाठ्यक्रम में खेल जरूरी है। साथ ही बच्चों में इसे करियर ऑप्शन के तौर पर देखने की भी जरूरत है। गावस्कर ने कहा कि भारत के लिए उसकी आबादी सबसे सकारात्मक पक्ष है, क्योंकि इतने लोगों में चैम्पियंस ढूंढना मुश्किल नहीं होना चाहिए। जरूरी नहीं कि वे गोल्ड मेडलिस्ट हों। 

‘पढ़ाई के दौरान खिलाड़ियों को भत्ते देने की जरूर”
बेंगलुरू में शुक्रवार को ‘मेकिंग स्पोर्ट्स इन इंडिया’ कार्यक्रम में चर्चा के दौरान गावस्कर ने कहा कि स्कूल पाठ्यक्रम में खेल को शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही एकेडमिक्स के दौरान ही उन्हें उभारने के लिए कुछ भत्ते और छूट दी जानी चाहिए। अगर खेल को रोजगार का मौका समझ लिया गया तो बच्चे, उनके माता-पिता हर कोई स्पोर्ट्स से जुड़ेगा। अगर माता-पिता को खेल में रोजगार के मौकों का पता चलेगा तो वे भी अपने बच्चों को इसमें हिस्सा लेने से नहीं रोकेंगे। 

‘क्रिकेट आगे बढ़ा क्योंकि लोग इसे करियर ऑप्शन मान रहे’

गावस्कर ने कहा कि भारत में क्रिकेट फल-फूल रहा है, क्योंकि लोग इसे एक करियर ऑप्शन की तरह लेने लगे हैं। इसके लिए तो आपको आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक खेलने की जरूरत नहीं है। अगर आप सिर्फ रणजी खेल जाते हैं तो आपके पास बेहतरीन रोजगार होता है। आप किसी कॉरपोरेट या एयरलाइंस या रेलवे जैसी सरकारी कंपनी से ज्यादा पैसे कमा सकते हैं। 

खेल को मेडल के पहलू से देखना गलत: पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी अपर्णा

पैनल डिस्कशन के दौरान पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी अपर्णा पोपट ने कहा कि खेल को सिर्फ मेडल जीतने के पहलू से नहीं देखना चाहिए। ओलिम्पिक 2016 के बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि रियो में करीब 200 देशों के 11,200 एथलीटों ने हिस्सा लिया था। लेकिन मेडल सिर्फ कुछ ही लोगों को मिले। 

भारत में स्पोर्ट्स के प्रचार पर अपर्णा ने कहा, “अगर शासन और फंडिंग एक साथ आकर मजबूती से काम करें तो ही खेल से काफी कुछ हासिल किया जा सकता है। इससे लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। साथ ही अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय गौरव में भी खेलों का योगदान होगा।”

You may have missed