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यूपी बोर्ड : सीएम योगी की समीक्षा बैठक से रिजल्ट को लेकर बढ़ी कयासबाजी, 14-15 जून को सुधार का मौका

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने रविवार को माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों से भी चर्चा की। बताया जा रहा है कि बैठक में यूपी बोर्ड की रद्द की गईं 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के लिए पंजीकृत विद्यार्थियों का रिजल्ट मूल्यांकन प्रक्रिया, करेक्शन विंडो, इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा को लेकर एवं नए सत्र की योजनाओं का चर्चा हुई होगी। हालांकि, इस बैठक के बाद एक बार फिर यूपी बोर्ड के रिजल्ट को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि इस बीच, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 के लिए पंजीकृत छात्र-छात्राओं को अपना विवरण सुधारने का अहम अवसर दिया है। 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपीएमएसपी) के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी पत्र में लिखकर कहा था कि परीक्षार्थियों के विवरण में त्रुटि संशोधन के लिए 14 और 15 जून को दो दिन वेबसाइट पर ऑप्शन मिलेगा। इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से प्रधानाचार्यों को पत्र भी भेजे गए थे। विद्यालय निरीक्षकों के द्वारा जारी विभागीय पत्र में लिखा है कि विद्यार्थियों के विवरण संशोधन के लिए 14 जून और 15 जून, 2021 को दो दिन के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर करेक्शन विंडो का लिंक उपलब्ध होगा। प्रधानाचार्य अपने विद्यालय के परीक्षार्थियों के नाम एवं माता – पिता या अभिभावकों के नाम में सुधार कर सकते हैं। नामों में पूरा परिवर्तन नहीं होगा
गौरतलब है कि पिछले साल 2020 की परीक्षाओं में छात्र- छात्राओं और उनके माता-पिता के नाम पहली बार अंग्रेजी व हिंदी में भी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कराए गए थे। दोनों भाषाओं में नामों को अपलोड कराए जाने से इनमें कोई वर्तनी त्रुटि न रह जाए इसलिए वेबसाइट खोली जा रही है। संशोधन स्कूल के प्रवेश आवेदन पत्र, छात्र पंजिका आदि के आधार पर किया जा सकेगा। नामों में पूरा परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। हिंदी एवं अंग्रेजी में अपलोड नामों में कोई भिन्नता नहीं होनी चाहिए।  इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा पर संशय
वहीं, फिलहाल यूपी बोर्ड इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं। यदि विद्यार्थी प्राप्तांकों से संतुष्ट नहीं होंगे तो उन्हें  इंप्रूवमेंट कराने और कंपार्टमेंट परीक्षा देने का विकल्प नहीं मिलेगा। हालांकि, सीबीएसई की तर्ज पर ऐसे विद्यार्थियों के लिए बाद में परीक्षा आयोजित की जा सकती है। हालांकि, वतर्मान नियमों के तहत बोर्ड परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्रों के पास स्क्रूटनी का विकल्प रहता है, लेकिन इस बार सभी हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं तो ऐसे में स्क्रूटनी का विकल्प नहीं बचा। दोनों परीक्षा परिणाम नई आंतरिक मूल्यांकन नीति के आधार पर जारी किए जाएंगे। वहीं, अभी तक कंपार्टमेंट परीक्षा को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में इन्हें लेकर संशय बना हुआ है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने रविवार को माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों से भी चर्चा की। बताया जा रहा है कि बैठक में यूपी बोर्ड की रद्द की गईं 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के लिए पंजीकृत विद्यार्थियों का रिजल्ट मूल्यांकन प्रक्रिया, करेक्शन विंडो, इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा को लेकर एवं नए सत्र की योजनाओं का चर्चा हुई होगी। हालांकि, इस बैठक के बाद एक बार फिर यूपी बोर्ड के रिजल्ट को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि इस बीच, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 के लिए पंजीकृत छात्र-छात्राओं को अपना विवरण सुधारने का अहम अवसर दिया है। 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपीएमएसपी) के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी पत्र में लिखकर कहा था कि परीक्षार्थियों के विवरण में त्रुटि संशोधन के लिए 14 और 15 जून को दो दिन वेबसाइट पर ऑप्शन मिलेगा। इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से प्रधानाचार्यों को पत्र भी भेजे गए थे। विद्यालय निरीक्षकों के द्वारा जारी विभागीय पत्र में लिखा है कि विद्यार्थियों के विवरण संशोधन के लिए 14 जून और 15 जून, 2021 को दो दिन के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर करेक्शन विंडो का लिंक उपलब्ध होगा। प्रधानाचार्य अपने विद्यालय के परीक्षार्थियों के नाम एवं माता – पिता या अभिभावकों के नाम में सुधार कर सकते हैं।
नामों में पूरा परिवर्तन नहीं होगा

गौरतलब है कि पिछले साल 2020 की परीक्षाओं में छात्र- छात्राओं और उनके माता-पिता के नाम पहली बार अंग्रेजी व हिंदी में भी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कराए गए थे। दोनों भाषाओं में नामों को अपलोड कराए जाने से इनमें कोई वर्तनी त्रुटि न रह जाए इसलिए वेबसाइट खोली जा रही है। संशोधन स्कूल के प्रवेश आवेदन पत्र, छात्र पंजिका आदि के आधार पर किया जा सकेगा। नामों में पूरा परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। हिंदी एवं अंग्रेजी में अपलोड नामों में कोई भिन्नता नहीं होनी चाहिए।  इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा पर संशय 

वहीं, फिलहाल यूपी बोर्ड इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं। यदि विद्यार्थी प्राप्तांकों से संतुष्ट नहीं होंगे तो उन्हें  इंप्रूवमेंट कराने और कंपार्टमेंट परीक्षा देने का विकल्प नहीं मिलेगा। हालांकि, सीबीएसई की तर्ज पर ऐसे विद्यार्थियों के लिए बाद में परीक्षा आयोजित की जा सकती है। हालांकि, वतर्मान नियमों के तहत बोर्ड परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्रों के पास स्क्रूटनी का विकल्प रहता है, लेकिन इस बार सभी हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं तो ऐसे में स्क्रूटनी का विकल्प नहीं बचा। दोनों परीक्षा परिणाम नई आंतरिक मूल्यांकन नीति के आधार पर जारी किए जाएंगे। वहीं, अभी तक कंपार्टमेंट परीक्षा को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में इन्हें लेकर संशय बना हुआ है।