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यूपी जल निगम भर्ती मामले में आजम खान को झटका, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व मंत्री आजम खान की अग्रिम जमानत अर्जी की खारिज सपा सरकार में यूपी जल निगम में इजीनियर, क्लर्क और स्टेनोग्राफर के 1300 पदों पर भर्ती का मामला कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद आजम खान लखनऊ के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहेलखनऊइलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व मंत्री आजम खान को समाजवादी पार्टी की सरकार में यूपी जल निगम में इजीनियर, क्लर्क और स्टेनोग्राफर के 1300 पदों पर भर्ती मामले में बड़ा झटका दिया है।

हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आजम खान को अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए उनकी अर्जी खारिज कर दी। दरअसल यह भर्ती उस वक्त हुई थी जब आजम खान शहरी विकास मंत्री थे। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद खान फिलहाल लखनऊ के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने आजम खान की अर्जी पर वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि आजम का वारंट पहले से उन्हें सीतापुर जेल में 19 नवंबर 2020 को दिया जा चुका है इसलिए इस मामले में वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में लिए जा चुके हैं। इस कारण से यह अर्जी विचार योग्य नहीं है।

आजम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और आईबी सिंह ने यह अर्जी दी और दलील दी कि उन्हें इस मामले में राजनीतिक कारणों से गलत तरीके से फंसाया गया। आजम की अर्जी का विरोधअपर शासकीय अधिवक्ता संतोष कुमार मिश्रा ने आजम की अर्जी का जोरदार विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि आजम पहले से ही इस मुकदमे में न्यायिक हिरासत में है क्योंकि सक्षम अदालत ने 18 नवंबर 2020 को ही सीतापुर जेल में उन्हें वारंट भेज दिया था जो कि अगले दिन उन्हें सौंप भी दिया गया था।आजम खान को सलाखों के पीछे पूरा हुआ एक सालसक्षम कोर्ट में अर्जी दे सकते हैं आजम इस पर आजम के अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि उनकी न्यायिक हिरासत मान लिया जाए तो इस मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र 24 मई को दाखिल किया गया था जो कि उनकी न्यायिक हिरासत से 90 दिन बाद था। इसलिए उन्हें स्वत: ही जमानत मिलनी चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आजम इसके लिए सक्षम अदालत में अर्जी दे सकते हैं।