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TTE बनाने के लिए दिए 15-15 लाख, जॉइनिंग भी हो गई…

रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम ठगी करने का मामला प्रकाश में आया कानपुर सेंट्रल स्टेशन से 16 फर्जी टीटीई पकड़े गए हैंरात 10 बजे से सुबह 6 तक करते थे ड्यूटीकानपुरकानपुर सेंट्रल स्टेशन में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला प्रकाश में आया है। सेंट्रल स्टेशन से 16 फर्जी टीटीई पकड़े गए हैं। इनके पास से आईडी कार्ड और नियुक्ति पत्र बरामद हुए हैं। पकड़े गए फर्जी टीटीई बीते कुछ दिनों से सेंट्रल स्टेशन पर नौकरी कर रहे थे। इस मामले में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है।रेलवे में नौकरी पाने की चाहत में किसी ने गांव की जमीन और खेत बेच दिए तो वहीं किसी ने माता-पिता के पास जमा पूंजी और रिश्तेदारों से उधार लेकर 10 से 15 लाख रुपये चुकता कर नियुक्ति पत्र हासिल किया था। पकड़े गए 16 फर्जी कर्मचारियों को इस बात का एहसास हुआ कि नियुक्ति पत्र फर्जी थे तो उनके पैरो तले जमीन खिसक गई। कई तो जीआरपी के सामने ही फूटकर कर रोने लगे। पकड़े गए 16 फर्जी कर्मचारियों में से 3 नौकरी दिलाने के नाम ठगी करने वाले गैंग के सदस्य हैं।

इनका काम बेरोजगारों की तलाश कराना था। पकड़े गए सभी फर्जी कर्मचारी अलग-अलग जिलों और राज्यों के हैं।रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम ठगी करने वाले गैंग के सदस्य बेरोजगार युवकों को अपनी जाल में फांसते थे। गैंग के सदस्य टीटीई के पद पर नौकरी लगवाने के नाम 10 से 15 लाख और पार्सल पोर्टर में सामान उठाने और रखने के लिए 01 से 02 लाख रुपये वसूलते थे। ठग रुपये ऐंठने के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र और आइडी कार्ड देते थे।ऐसे हुआ खुलासासेंट्रल स्टेशन पर बीते बुधवार देररात प्लेट फार्म नंबर-3 पर टिकट निरीक्षक सुनील पासवान चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान सुनील पासवान की नजर दिनेश गौतम पर पड़ी। दिनेश गौतम के गले में रेलवे का आईडी कार्ड डालकर टिकट चेक कर रहा था। इस पर सुनील पासवान ने दिनेश गौतम को रोक लिया और पूछताछ करने लगे।

दिनेश ने बताया कि बीते कुछ दिनों से हम लोग सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनिंग कर रहे हैं। मैं अकेला नहीं हूं, मेरे साथ और भी कई लोग सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनिंग कर रहे हैं।सिर्फ में रात में लगती थी ड्यूटीटिकट निरीक्षक सुनील पासवान ने दिनेश गौतम को जीआरपी थाने भेज दिया। जीआरपी ने दिनेश गौतम की निशानदेही पर 16 लोगों को अरेस्ट किया है। जीआरपी की पूछताछ में फर्जी टीटीई ने बताया कि हमारी ड्यूटी रात 10 बजे से सुबह 6 तक होती थी। हमें ट्रेनों के कोच नंबर नोट करने का काम दिया गया था। इसके साथ ही हमें हर दिन अलग-अलग प्लेट फार्म दिए जाते थे।गैंग लीडर की तलाश जारीजीआरपी सीओ कमरू हसन के मुताबिक, बेराजगार युवकों को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी का मामला प्रकाश में आया है। विभिन्न पदों पर नौकरी के नाम पर लाखो रुपये की ठगी की गई है। रेलवे में नौकरी लगवाने गैंग के सरगना रुद्र प्रताप ठाकुर की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।