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देवरिया में टीकाकरण की रफ्तार धीमी… ऐसे में सभी को 5 साल में भी नहीं लग पाएगा टीका

कौशल किशोर त्रिपाठी, देवरियाजिले में कोविड टीकाकरण की रफ्तार सुस्त है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 3 महीने में मात्र ढाई लाख लोगों का ही वैक्सीनेशन हो पाया है, जबकि 2011 की जनगणना के मुताबिक, जिले की आबादी 31 लाख है। यह हाल तब है, जब कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां जारी हैं। सर्वाधिक खराब स्थिति ग्रामीण इलाकों की है। जहां प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी लोग वैक्सीनेशन से दूर भाग रहे हैं। ऐसे में करोना से जंग आसान नहीं दिख रही है।इतने बनाए गए हैं केंद्रजिले में कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए 2 दर्जन से अधिक टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें तीन केंद्र शहरी, 16 ग्रामीण, दो महिला स्पेशल, दो अभिभावक स्पेशल, एक अन्य केंद्र और चार वर्कप्लेस टीकाकरण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।

सभी सीवीसी केंद्रों पर 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण के साथ-साथ 1 जून से 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग वालों का भी टीकाकरण शुरू है, लेकिन अभी तक जिले में मात्र 2 लाख 51 हजार 7 सौ 27 लोगों का ही वैक्सीनेशन हो सका है। जिसमें 1 लाख 93 हजार 176 लोगों को पहली डोज और 49 हजार 201 लोगों को दूसरी डोज लगी है। एक जून से 8 जून तक 18 से 44 आयु वर्ग के 9350 लोगों को टीका लगाया गया है, जबकि इस उम्र की आबादी जनपद में लगभग 25 लाख है।ग्रामीण क्षेत्र में सबसे खराब है टीकाकरण की स्थितिसंक्रमण से निपटने के लिए पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों का वैक्सीनेशन किया गया। फिर 60 साल से अधिक आयु वालों का टीकाकरण हुआ। अप्रैल से 45 साल से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण और एक जून से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन लोग वैक्सीनेशन में उत्साह नहीं ले रहे हैं। सबसे खराब स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की है।

जहां लोग टीकाकरण से दूर भाग रहे हैं। कुछ ग्रामीणों की मानें तो पोलियो टीकाकरण की तरह जब तक प्रत्येक गांव में वैक्सीनेशन कैंप नहीं लगेगा, तब तक शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता, क्योंकि गांव के लोगों को टीकाकरण केंद्र पर जाना भारी पड़ रहा है दूसरे रजिस्ट्रेशन का लफड़ा भी कम नहीं है। शायद 5 साल में भी नहीं पूरा होगा टीकाकरण2011 की जनगणना के मुताबिक, जिले की आबादी 31 लाख है, लेकिन 3 माह में ढाई लाख लोगों का ही वैक्सीनेशन हो सका है। आबादी के हिसाब से यह आंकड़ा 10 फीसदी से भी कम है। ऐसे में अगर वैक्सीनेशन की यही रफ्तार रही तो जिले भर के लोगों का टीकाकरण 5 सालों में भी पूरा नहीं होगा।सबको मुफ्त कोरोना वैक्सीन के ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ में कैसे होगा वैक्सीनेशन, स्वास्थ्य मंत्री ने बतायासीएमओ डॉक्टर आलोक पांडेय ने बताया कि वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए विभाग पूरी तरह जुटा है। इसके लिए वर्कप्लेस के हिसाब से सी.वी.सी केंद्र बनाए गए हैं । गांवों में टीम भेजकर टीकाकरण कैंप लगाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों पर भी वैक्सीनेशन हो रहा है।