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रामगंगा की हालत पर तरस आया, अब नहीं बहने देंगे शव

रामगंगा घाट पर होने वाले अंतिम संस्कारों पर अब निगरानी समिति रखेगी नजरमेयर ने पार्षदों के साथ बैठक कर समिति का किया गठन
बरेली। रामगंगा को प्रदूषणमुक्त रखने की जिम्मेदारी वैसे भी नगर निगम पर ही है लेकिन हाल ही के कुछ ही दिनों में सैकड़ों अंतिम संस्कार के बाद उसके हद से ज्यादा प्रदूषित हो जाने का मामला सामने आने के बाद मंगलवार को इस जिम्मेदारी को निभाने का फैसला लिया गया। नदी पर अब निगम के पार्षद, अधिकारी और प्रवर्तन दल के सदस्य निगरानी रखेंगे ताकि शव रामगंगा में न बहाए जाएं और घाट पर भी गंदगी न हो। मंगलवार को मेयर उमेश गौतम ने बैठक कर निगरानी समिति का गठन किया।रामगंगा नदी के घाट पर फैल रही गंदगी और पिछले दिनों बहकर आए शवों को देखते हुए मेयर ने निगरानी समिति का गठन किया है। इसमें दो अधिकारी और 11 पार्षदों को शामिल किया गया है। चौबारी में रामगंगा घाट पर प्रवर्तन दल के सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। मेयर उमेश गौतम ने बताया कि समिति रोजाना रामगंगा नदी का निरीक्षण कर रिपोर्ट देगी। मेयर ने बैठक में कहा कि इस बात का विशेष ख्याल रखा जाए कि शवों को रामगंगा में न बहाया जाए। वहां साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। समिति के सदस्य 24 घंटे रामगंगा घाट की निगरानी प्रवर्तन दल के सहयोग से करेंगे। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार ने बताया कि निगरानी समिति का गठन हो गया है। वह घाटों पर हो रहे अंतिम संस्कारों के बारे में रोजाना रिपोर्ट देगी।
श्मशान घाटों पर ये लोग करेंगे निगरानी
रामगंगा घाट के लिए अजय चौहान और मुनेंद्र यादव, गुलाबबाड़ी श्मशान भूमि के लिए छंगामल मौर्य, संजयनगर श्मशान भूमि के लिए संजय राय और कपिल कांत, सिटी श्मशान भूमि के लिए अजय चौहान और मुनेंद्र, छोटी और बड़ी विहार श्मशान भूमि के लिए नरेश पटेल, तुलाशेरपुर श्मशान भूमि के लिए नरेश पटेल और राधे गुर्जर, तातारपुर श्मशान भूमि के लिए अतुल कपूर और महेश राजपूत, सीबीगंज श्मशान भूमि के लिए सुभाष वर्मा और नरेश पटेल को नामित किया गया है।

रामगंगा घाट पर होने वाले अंतिम संस्कारों पर अब निगरानी समिति रखेगी नजर

मेयर ने पार्षदों के साथ बैठक कर समिति का किया गठन
बरेली। रामगंगा को प्रदूषणमुक्त रखने की जिम्मेदारी वैसे भी नगर निगम पर ही है लेकिन हाल ही के कुछ ही दिनों में सैकड़ों अंतिम संस्कार के बाद उसके हद से ज्यादा प्रदूषित हो जाने का मामला सामने आने के बाद मंगलवार को इस जिम्मेदारी को निभाने का फैसला लिया गया। नदी पर अब निगम के पार्षद, अधिकारी और प्रवर्तन दल के सदस्य निगरानी रखेंगे ताकि शव रामगंगा में न बहाए जाएं और घाट पर भी गंदगी न हो। मंगलवार को मेयर उमेश गौतम ने बैठक कर निगरानी समिति का गठन किया।

रामगंगा नदी के घाट पर फैल रही गंदगी और पिछले दिनों बहकर आए शवों को देखते हुए मेयर ने निगरानी समिति का गठन किया है। इसमें दो अधिकारी और 11 पार्षदों को शामिल किया गया है। चौबारी में रामगंगा घाट पर प्रवर्तन दल के सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। मेयर उमेश गौतम ने बताया कि समिति रोजाना रामगंगा नदी का निरीक्षण कर रिपोर्ट देगी। मेयर ने बैठक में कहा कि इस बात का विशेष ख्याल रखा जाए कि शवों को रामगंगा में न बहाया जाए। वहां साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। समिति के सदस्य 24 घंटे रामगंगा घाट की निगरानी प्रवर्तन दल के सहयोग से करेंगे। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार ने बताया कि निगरानी समिति का गठन हो गया है। वह घाटों पर हो रहे अंतिम संस्कारों के बारे में रोजाना रिपोर्ट देगी।

श्मशान घाटों पर ये लोग करेंगे निगरानी
रामगंगा घाट के लिए अजय चौहान और मुनेंद्र यादव, गुलाबबाड़ी श्मशान भूमि के लिए छंगामल मौर्य, संजयनगर श्मशान भूमि के लिए संजय राय और कपिल कांत, सिटी श्मशान भूमि के लिए अजय चौहान और मुनेंद्र, छोटी और बड़ी विहार श्मशान भूमि के लिए नरेश पटेल, तुलाशेरपुर श्मशान भूमि के लिए नरेश पटेल और राधे गुर्जर, तातारपुर श्मशान भूमि के लिए अतुल कपूर और महेश राजपूत, सीबीगंज श्मशान भूमि के लिए सुभाष वर्मा और नरेश पटेल को नामित किया गया है।