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एम्स में अब सिर्फ 500 रुपए में होगी मरीजों की एंजियोग्राफी

राजधानी के एम्स अस्पताल में अब मरीजों को कैथलैब, रेडियो थेरेपी और न्यूक्लियर मेडिसीन की सुविधा मिलेगी। एम्स प्रबंधन द्वारा तीनों विभागों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए दिल्ली से डॉक्टरों की टीम बुलाई जाएगी।
तीनों विभागों में पांच-पांच डॉक्टरों की टीम रहेगी। इसके शुरू होने से हार्ड के मरीजों को प्राइवेट में आठ से दस हजार रुपये में एंजियोग्राफी करानी पड़ती है, वहीं एम्स में महज 500 रुपए में यह जांच आसानी से करा सकेंगे।
इसकी शुरूआत आने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। राजधानी स्थित एम्स में एक दिन में करीब 11 सौ मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां अभी तक कैंसर के मरीजों की सिकाई की सुविधा नहीं थी।
मरीजों को सिकाई महंगे दामों पर प्राइवेट अस्पताल या फिर रायपुर मेडिकल कॉलेज में आकर करानी पड़ती है। इसके साथ ही न्यूक्लियर मेडिसीन विभाग ना होने के कारण दो माह के कैंसर पीड़ितों की प्रारंभिक जांच नहीं हो पा रही थी।
एम्स में कैथलैब ना होने के कारण हार्ट के मरीजों को बाहर से एंजियोग्राफी करानी पड़ती थी। एम्स अस्पताल में इन तीनों विभाग के ना होने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
तीन माह के भीतर शुरू हो जाएगी लैब
एम्स में अत्याधुनिक तकनीक से युक्त रेडियोथैरेपी की मशीन लगाई जा रही है। इसमें सिर्फ कैंसर वाली कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है, साधारण कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होता। समय रहते कैंसर की जानकारी सामने आ जाए तो इलाज अब संभव होगा क्योंकि न्यूक्लियर मेडिसीन की सुविधा एम्स हॉस्पिटल में प्रारंभ होने से इसका लाभ प्रदेश के मरीजों को मिलेगा।
अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. जेआर दानी ने बताया कि न्यूक्लियर मेडिसीन के चार भाग हैं। यह वह पद्धति है जिसमें स्कैन मशीन के माध्यम से शरीर के अलग-अलग स्थानों में कैंसर की स्थिति का पता चल जाता है।
– तीन माह के भीतर एम्स अस्पताल में कैथलैब, न्यूक्लियर मेडिसिन और रेडियोथेरेपी की सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी। तीनों विभागों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। – डॉ.जेआर दानी डायरेक्टर एम्स अस्पताल