कर्नाटक में दुनिया की सबसे बड़ी हनुमान की प्रतिमा 15 घंटों तक सड़क पर फंसी रही। 62 फुट ऊंची यह प्रतिमा तकरीबन साढ़े 750 टन की थी। सोमवार (दो अप्रैल) को इसे कोलार से पूर्वी बेंगलुरू के कचराकान्हल्ली ले जाया जा रहा था। 300 पहिए वाला वाहन इस काम में लगाया गया था। लेकिन देर रात इसको राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) – 48 पर रोक दिया। चुनावी आचाह संहिता के उल्लंघन होने का हवाला देते हुए पुलिस ने प्रतिमा को आगे ले जाने से मना कर दिया था। हनुमान की प्रतिमा को होसकोते के पास रोका गया था, जो कि शहर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है। हालांकि, चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद मंगलवार (तीन अप्रैल) की दोपहर प्रतिमा को आगे ले जाने की अनुमति दी गई।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बजरंगबली की सबसे बड़ी प्रतिमा बनवाने और इसे स्थापित कराने के पीछे श्री राम चैतन्य वर्धिनी ट्रस्ट के ट्रस्टी मुनि राजू हैं। 12 फुट चौड़ी इस प्रतिमा को तैयार कराने में 10 करोड़ रुपए के आसपास का खर्च आया है, जबकि इसे एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाने (परिवहन खर्च) में साढ़े तीन करोड़ रुपए लगे हैं।
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