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कोविड 19- उत्तर प्रदेश के सात जिलों में शुरू हुआ 18-44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण

उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को 18-44 आयु वर्ग के लोगों के कोविड-19 टीकाकरण की शुरूआत की। पहले फेज का टीकाकरण राज्य के सात जिलों में शुरू किया गया, जिनमें कोविड-19 के 9000 से ज्यादा ऐक्टिव केस हैं। बता दें कि इस टीकाकरण अभियान की शुरूआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवन्तिबाई हॉस्पिटल से किया। उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस अभियान की शुरूआत के लिए योगी आदित्यनाथ ने अपने स्टेट एयरक्राफ्ट द्वारा हैदराबाद से वैक्सीन मंगाई। जिन जिलों में इस टीकाकरण अभियान को शुरू किया गया वो हैं- लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, और बरेली।बीते शुक्रवार को एडीशनल चीफ सेक्रेटरी हेल्थ, अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि, “1 मई से शुरू हुए इस टीकाकरण अभियान 18-44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इस अभियान के पहले फेज में 9000 से ज्यादा ऐक्टिव केस वाले 7 जिलों में टीकाकरण शुरू किया गया है, जो कि आगे चलकर अन्य जिलों में भी शुरू किया जाएगा। इसके लिए निर्मित सॉफ्टवेयर को आगे इस्तेमाल करने से पहले इन जिलों में टेस्ट किया जाएगा।” 18 वर्ष से अधिक के लोगों का टीकाकरण करने के लिए सरकार ग्लोबल टेंडर के द्वारा वैक्सीन की आपूर्ति करेगी। इसके बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि, “टीकाकरण अभियान को सुचारु रूप से चलाने के लिए सरकार ग्लोबल टेंडर शुरू करेगी। सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक दोनों को 50 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया है। साथ ही ग्लोबल टेंडर के द्वारा 4 से 5 करोड़ वैक्सीन खरीदने की योजना भी बनाई जा रही है।”बता दें कि अबतक राज्य में 1.23 करोड़ वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं, जिसमें से 1.01 करोड़ लोगों ने पहली डोज ले ली है तो वहीं 22.33 लाख लोगों ने दूसरी डोज भी ले ली है। 28 वर्षीय देवर्शी का कहना है कि, “कोविन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन से लेकर टीका लगवाने तक पूरा प्रॉसेस काफी सुविधाजनक है। लखनऊ के आरएमएल हॉस्पिटल में सुबह 10 बजे पहुंचने के बाद फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के आधार पर मुझे तुरंत एक टोकन नंबर प्रदान किया गया। जिसके बाद मेरी आधार आईडी चेक की गई। फिर मुझे एक वेटिंग रूम में रुकने को कहा गया, इस रूम में सोशल डिस्टेंसिंग के सारे प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा था। आधे घंटे के बाद मुझे वैक्सीन का पहला डोज दिया गया। सरकारी अस्पतालों के बारे में बन चुकी धारणाओं के विपरीत यह अनुभव काफी बेहतरीन रहा। बिना किसी अतिरिक्त समस्या के पूरा प्रॉसेस एक क्रमबद्ध तरीके से चलता गया। हमें अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कोरोना वायरस से लड़ने का यही सबसे अच्छा तरीका है। यह अनुभव वायरस को हराने के लिए सही दिशा में उठाया गया एक बेहतरीन कदम है।”