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लगातार कम हो रही पॉजिटिविटी दर


लगातार कम हो रही पॉजिटिविटी दर


दिनों दिन मरीजों के रिकवर होने की बढ़ रही है संख्या प्रतिदिन लगभग 60 हजार हो रहे टेस्ट 


भोपाल : सोमवार, मई 3, 2021, 19:25 IST

प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों से कोरोना की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 30 अप्रैल को 21.12% था, जो 2 मई को घटकर 20.9 % हो गया है। आज 3 मई को पॉजिटिविटी रेट और कम होकर 20.2% पर आ गया है। प्रदेश में प्रतिदिन पॉजीटिव केसेस की तुलना में रिकवरी अधिक हो रही है। प्रतिदिन 50 हजार से अधिक टेस्ट किये जा रहे हैं। रविवार 2 मई को 59 हजार 448 टेस्ट किये गए। सभी जिलों में सैम्पल लेने के लिये मोबाइल टीमें भी भेजी जा रही हैं।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रबंधन एवं चिकित्सकीय सुविधाओं की बढ़ोत्तरी से प्रतिदिन स्वस्थ और संक्रमण मुक्त होने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। दिनांक 30 अप्रैल को 13 हजार 584, एक मई को 14 हजार 562 और 2 मई को 13 हजार 890 कोरोना मरीज संक्रमण मुक्त होकर सकुशल अपने घर पहुँचे हैं। प्रदेश की रिकवरी दर 30 अप्रैल को 82.88%, एक मई को 83.63%, 2 मई को बढ़कर 84.19% हुई। आज प्रदेश की रिकवरी दर 84.73% हो गई है।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में एक दिन में जितने लोग स्वस्थ हुए है, उनमें से 84.3% ऐसे मरीज है, जो होम आइसोलेशन में थे और 4% ऐसे मरीज हैं जो कोविड केयर सेंटर में थे। इस प्रकार 88.3% मरीज जो अस्पताल जाए बिना, होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर में ही स्वस्थ हो रहे हैं। शेष 11.7% अस्पतालों से ठीक होकर घर लौटे हैं।होम आइसोलेशनप्रदेश में 64 हजार 218 से अधिक रोगी वर्तमान में होम आइसोलेशन में हैं। इनमें से 97% मरीजों से दूरभाष पर कम से कम एक बार संपर्क किया गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन में रहने वाले शत-प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर की होम डिलेवरी की जा रही है।कोविड केयर सेंटर्सप्रदेश के 52 जिलों में 255 कोविड केयर सेंटर्स प्रारंभ किये जा चुके हैं, जिनमें मंद लक्षणों वाले रोगियों को रखा जा रहा है। इनमें वर्तमान में कुल 16 हजार 516 बेड्स हैं। इनमें से 1267 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित किये गए हैं। इसी प्रकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कुल 22 हजार 10 संस्थागत कारेंटाईन सेंटर्स बनाये जा चुके हैं, जिनमें लगभग 2 लाख 63 हजार 715 से अधिक बेड्स स्थापित किये गए हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सभी कोविड केयर सेंटर्स/ संस्थागत कारेंटाईन सेंटर्स में रहने वाले शत प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर प्रदान किये जा रहे हैं।अस्पताल और बिस्तरप्रदेश में कुल 845 कोविड अस्पताल वर्तमान में संचालित हैं। इनमें से 315 सरकारी क्षेत्र में और 530 निजी क्षेत्र में संचालित किये जा रहे हैं। एक अप्रैल को प्रदेश में उपलब्ध बेड्स की संख्या 20 हजार 159 थी जो बढ़कर अब 60 हजार 550 हो गई है। प्रतिदिन एक हजार से भी अधिक बेड्स बढ़ रहे हैं। पिछले एक माह में 40 हजार से अधिक बेड्स बढ़ाये गये हैं।रेमडेसिविर इंजेक्शनप्रदेश में अब तक सात विभिन्न कम्पनियों से 2 लाख 10 हजार 365 रेमडेसिविर इंजेक्शन के डोजेज प्राप्त हुए हैं। 3 मई को मेसर्स सीप्ला हेल्थ केयर द्वारा गर्वमेंट सप्लाई इंदौर को 2000 यूनिट, एमजीएम इंदौर को 1500 यूनिट, उज्जैन को 1500 यूनिट और 3050 यूनिट प्राईवेट को आपूर्ति की गई एवं मेसर्स सन फार्मा द्वारा 2400 यूनिट प्राईवेट को पूरे मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति की गई है। इसके अतिरिक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाये जाने के लिये भारत सरकार द्वारा प्रदेश को 7 कम्पनियों से इंजेक्शन क्रय के लिये 1 लाख 89 हजार 700 रेमडेसिविर इंजेक्शन का आंवटन किया गया है।ऑक्सीजन की उपलब्धताकेन्द्र सरकार से हो रही ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ प्रदेश में स्थानीय व्यवस्थाओं को बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी हैं। प्रदेश में 2 मई को बाह्य स्त्रोतो से कुल 446.8 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई। आज प्रदेश को बाह्य स्त्रोतों से 484 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गये हैं। इसके साथ ही जिलों में स्थानीय व्यवस्था से भी लगभग 2 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। प्रदेश के भोपाल, रीवा, इंदौर, ग्वालियर और शहडोल जिला चिकित्सालयों में एक करोड़ 60 लाख रुपये से नवीनतम वीपीएसए तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांट्स लगाये जा रहे हैं। इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इन प्लांट से बनने वाली ऑक्सीजन 50 बेड्स के लिए उपलब्ध हो सकेगी।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने नवीन निवेश के लिये विशेष वित्तीय सहायता पैकेज दिए जाने के निर्देश जारी कर दिये गये है। इसके तहत मुख्यत: प्लांट मशीनरी तथा भवन में किये गये पूँजी निवेश पर एवं 50 प्रतिशत की फ्लेट रेट से मूल निवेश सहायता अधिकतम सीमा 75 करोड़ तक देय होगी। इसके अतिरिक्त विद्युत टैरिफ मे भी रियायत दी गई हैं।रक्षा मंत्रालय की एजेंसी डीआरडीओ द्वारा अस्पताल में ही नई डेबेल तकनीक के आधार पर चलने वाले ऑनसाईट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट विकसित किये गये हैं। प्रदेश के 8 जिलों बालाघाट, धार, दमोह, जबलपुर, बड़वानी, शहडोल, सतना और मंदसौर में 5 करोड़ 87 लाख रुपये से अधिक की लागत के डेबेल तकनीक आधारित 570 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले ऑनसाईट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही 8 जिलों में भारत सरकार के सहयोग से पीएसए तकनीक आधारित 8 ऑक्सीजन प्लांट्स स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 7 प्लांट्स ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश के 37 जिलों के लिए राज्य सरकार स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट्स लगा रही है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है।टीकाकरणअब तक प्रदेश के हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाईन वर्कर्स, वरिष्ठ नागरिक एवं 45 वर्ष से अधिक के लगभग 81 लाख 38 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। प्रदेश के 3 करोड़ 22 लाख से अधिक नागरिकों को टीका लगेगा। राज्य सरकार इस कार्य पर लगभग 2,710 करोड़ रुपये खर्च करेगी। कोविशील्ड वैक्सीन के 45 हजार डोज का कार्यादेश जारी कर दिया गया है।


अनुराग उइके