Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

UP Panchayat Chunav: BJP सांसद से लेकर आम लोगों की भी यही मांग, टाल दिए जाएं UP के पंचायत चुनाव

हाइलाइट्स:उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी ने भीषण रूप अख्तियार कियाबुधवार को भी 20 हजार से ज्यादा केस, खुद मुख्यमंत्री योगी संक्रमितबढ़ते कोरोना केसों के बीच तेज हुई यूपी पंचायत चुनाव स्थगित करने की मांगबीजेपी सांसद के अलावा आम लोगों ने कहा- टाले जाएं पंचायत चुनावलखनऊउत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Corona Virus in UP) रोज नए रेकॉर्ड बना रहा है। बुधवार को भी राज्य में कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। राज्य में ऐक्टिव केसों की संख्या 1 लाख 11 हजार के पार पहुंच गई है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में चौतरफा एक ही सवाल उठ रहा है कि ऐसी भीषण आपदा में भी आखिर क्यों यूपी में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) कराए जा रहे हैं? आखिर क्यों इन्हें अगले 2-3 महीने के लिए टाला जा रहा है?इस समय पंचायत चुनाव के पक्ष में नहीं लोग, 75 फीसदी बोले- आगे बढ़ाए जाएं चुनावभयंकर महामारी के बीच पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर हमने अपने पाठकों की भी राय जाननी चाही। इसके लिए हमने मंगलवार शाम को NBT उत्तर प्रदेश के ट्विटर हैंडल से एक पोल किया। लोगों से सवाल पूछा गया था कि ‘उत्तर प्रदेश में पूरी रफ्तार से कोरोना वायरस बढ़ रहा है। ऐसे में क्या पंचायत चुनाव कुछ महीने टाल देने चाहिए?’ पोल में 24 घंटे के दौरान करीब 400 लोगों ने अपनी राय दी, इनमें से 75 फीसदी का यही मत है कि पंचायत चुनाव टाल दिए जाने चाहिए। हालांकि 25 फीसदी का अब भी मानना है कि इस भीषण आपदा में पंचायत चुनाव आराम से कराए जा सकते हैं।पंचायत चुनाव पर पोल का रिजल्टकोरोना में खुद का भरोसा नहीं, बच्चों के साथ ड्यूटी करने को मजबूर महिला कर्मचारी पंचायत चुनाव में महिला सरकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगी है। कर्मचारियों को तमाम अव्यवस्थाओं और महामारी के बीच वोटिंग से एक दिन पहले बूथ पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। ज्यादातर कर्मचारियों के बूथ जिले के एक से दूसरे छोर भेजे गए हैं। जहां रात में ठहरने के इंतजाम का कुछ अता-पता नहीं है। इसमें सबसे ज्यादा समस्या महिला कर्मचारियों के लिए है, जिन्हें मजबूरन अपने मासूम बच्चों को साथ लेकर जाना है। यूपी के लखीमपुर-खीरी में तैनात एक महिला टीचर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘मेरी धौरहरा में पोलिंग ड्यूटी लगाई गई है। 1 साल का बच्चा है और उसे न्यूमोनिया है। ड्यूटी हटवाने को अपने विभाग के अधिकारियों से कहा तो उन्होंने भी अपनी मजबूरी जाहिर की। समझ नहीं आ रहा वहां अपने बीमार बच्चे को लेकर किस तरह ड्यूटी करूंगी।’ यह तो महज एक बानगी है, इनके जैसी जाने कितनी माँएं हैं जिन्हें चुनावी ड्यूटी के लिए अपने साथ अपने बच्चों को भी इस महामारी की आग में झोंकना पड़ रहा है।UP Panchayat Chunav : पंचायत चुनाव में कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों से कराई जा रही थी ड्यूटी, DM ने दिए जांच के आदेशबीजेपी सांसद ने भी की मांग- जान बचाना जरूरी, चुनाव नहींउत्तर प्रदेश में कोरोना से हालात इतने ज्यादा बदतर हो गए हैं कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री और बीजेपी सांसद भी इसे लेकर अलग-अलग स्तरों पर आवाज उठाने लगे हैं। लखनऊ के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव को एक महीना आगे टालने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में कोरोना कंट्रोल से बाहर है। कई हजार परिवार महामारी की चपेट में आकर बुरी तरह बर्बाद हो रहे हैं। श्मशान घाटों पर लाखों ढेर लगे हैं। ऐसे में चुनाव कराना जरूरी नहीं है बल्कि लोगों की जान बचाना ज्यादा जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि इसलिए निर्वाचन आयोग को तत्काल संज्ञान में लेकर पंचायत चुनाव की निर्धारित मतदान की तिथि को एक महीना आगे बढ़ाना चाहिए। जान बचाना जरूरी है, चुनाव कराना जरूरी नहीं है।Coronavirus in UP: एक हफ्ते में 204 प्रतिशत की बढ़ोतरी, 1 ही दिन में 85 मौत, घटा रिकवरी रेट…यूपी में कोरोना का विकराल रूपकानपुर में कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों को ड्यूटी पर भेजाउधर कानपुर के पतारा ब्लॉक में कोरोना पॉजिटिव 6 कर्मचारियों से चुनावी ड्यूटी कराए जाने का भी मामला सामने आया है। इस दौरान संक्रमित कर्मचारियों के संपर्क में सैकड़ों लोग आए। अब उनकी जान जोखिम में पड़ गई है। कोरोना संक्रमित कर्मचारियों ने अधिकारियों को अवगत कराने के लिए निर्वाचन कार्य के लिए बने वॉट्सएप ग्रुप में संक्रमित होने की सूचना पोस्ट की थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पतारा ब्लॉक रिटर्निंग ऑफिसर ने बीते रविवार को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना की जांच कराई थी। रिटर्निंग ऑफिसर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उन्होंने फौरन इसकी जानकारी ब्लाक के एडीओ पंचायत को दी। अगले दिन पतारा ब्लॉक के कर्मचारियों ने पतारा सीएचसी में एंटीजन टेस्ट कराया था। जिसमें एडीओ पंचायत, एआरओ, तीन ब्लॉक के कर्मचारियो संक्रमण की पुष्टी हुई थी। डीएम आलोक तिवारी ने इस प्रकरण की जांच एडीएम वित्त को सौंपी है। साथ ही यह भी निर्देश दिए है कि संक्रमित कर्मचारियों को ड्यूटी से दूर रखा जाए।