Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Coronavirus in UP: एक हफ्ते में 204 प्रतिशत की बढ़ोतरी, 1 ही दिन में 85 मौत, घटा रिकवरी रेट…यूपी में कोरोना का विकराल रूप

हाइलाइट्स:यूपी में कोरोना संक्रमण की स्थिति काफी चिंताजनक 24 घंटे में 85 मरीजों की मौत, 18 हजार 21 नए केस महज एक सप्ताह में 204 प्रतिशत तक बढ़ गए मरीज लखनऊ में हालात खराब, CM योगी भी हुए आइसोलेट लखनऊउत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण विकराल रूप ले चुका है। मंगलवार को यहां एक दिन में 18 हजार 21 नए केस रिपोर्ट हुए, जो प्रदेश में अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। 24 घंटों के दौरान यहां 85 कोविड मरीजों की मौत हो गई। राज्य में इस समय 95 हजार 980 पॉजिटिव केस हैं। हालात यह हैं कि सीएम ऑफिस के कई अधिकारियों के पॉजिटिव होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। वहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। यूपी में कोरोना संक्रमण की क्या रफ्तारअगर पूरे देश की बात की जाए तो महाराष्ट्र के बाद कोरोना के रोज बढ़ रहे मामलों में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना के कंफर्म हो रहे केसों की संख्या भी पिछले 1 सप्ताह में 204 प्रतिशत तक बढ़ी है। लखनऊ में भी प्रतिदिन के केस में भी सप्ताह भर में 350 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई है। रिकवरी रेट के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यह मार्च के अंतिम सप्ताह के 98 प्रतिशत से घटकर इस वक्त 85 प्रतिशत रह गया है। यूपी में कितने ऐक्टिव केस, इतनी मौतेंअभी तक प्रदेश में कुल 7 लाख 23 हजार 582 पॉजिटिव केस रिपोर्ट हो चुके हैं। वहीं 9309 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मंगलवार को एक दिन में 18 हजार 21 नए मरीज सामने आए, जबकि 85 लोग कोरोना से लड़ाई में जिंदगी की जंग हार गए। प्रदेश में इस वक्त सक्रिय मरीजों की संख्या 96 हजार के आंकड़े के करीब पहुंच गई है। आज तक 6 लाख 18 हजार 293 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। वैक्सीन लगाने वालों पर ज्यादा अटैक करता है कोरोना का दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट, इजरायल की स्टडी से हड़कंप यूपी के जिलों में क्या है कोरोना की रफ्तारइस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के 23 जिलों मैं सौ से अधिक ऐक्टिव केस थे, जिनमें से 10 में 200 से कम ऐक्टिव केस थे। अब कुल 75 में से 72 जिलों में ऐक्टिव मामले 100 से ऊपर हैं। वहीं 14 जिले ऐसे हैं, जहां ऐक्टिव केस की संख्या 1000 से अधिक हो चुकी है। राजधानी लखनऊ सहित वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर जैसे शहरों में हालात ठीक नहीं है, जहां बड़ी संख्या में कोरोना केस रिपोर्ट हो रहे हैं। राजधानी लखनऊ में हालात सबसे अधिक खराब हैं। यहां एक दिन में 5 हजार 382 नए केस सामने आए, जबकि 18 लोगों ने दम तोड़ दिया। यहां अब तक 1371 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि ऐक्टिव मरीजों की संख्या 27 हजार 385 है। इसके बाद प्रयागराज सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है। यहां 1856 नए मामले सामने आए, जबकि 8 लोगों की मौत हो गई। इसी तरह कानपुर में 1271 नए केस मिले और 10 लोगों का निधन हो गया। वाराणसी में 1404 नए केस और 3 लोगों की मौत हो गई। गोरखपुर में अभी ऐक्टिव मरीजों की संख्या 2943 है। खुद करिए कोरोना जांच, खुले में फेंकी गई किट… UP के इस जिले में यह कैसी लापरवाही? देखिए वीडियो देश की सबसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार नियंत्रण से बाहर नहीं जाने देने के सरकारी दावों पर भी सवाल उठ गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने ऑफिस के कई अधिकारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मंगलवार को खुद को आइसोलेट कर लिया। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी। सीएम में अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग में कोरोना से जंग के लिए टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र पर जोर दिया। इलाज मुहैया करा रहे अस्पतालों की क्या है स्थितिराजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश की मेडिकल फैसिलिटी भी चरमरा गई है। बेड और टेस्टिंग फैसिलिटी की कमी राज्य के कोविड मैनेजमेंट के लिए चुनौती बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में हालात कैसे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के कानून मंत्री बृजेश पाठक को राजधानी लखनऊ में मेडिकल सुविधाओं की हालत को लेकर पत्र लिखना पड़ा है।प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को लिखे पत्र में मंत्री पाठक ने लखनऊ में के अस्पतालों में बेड की कमी से लेकर एंबुलेंस की सुविधा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने पत्र में पद्मश्री विजेता इतिहासकार योगेश प्रवीन की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि एंबुलेंस उपलब्ध होने में 5 से 6 घंटे तक लग जा रहे हैं। जबकि टेस्ट रिपोर्ट भी हफ्ते भर में आ पा रहे हैं। समय पर ऐंबुलेंस नहीं, अस्पतालों में बेड कम… लखनऊ में हालात चिंताजनक, कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने लिखी स्वास्थ्य विभाग को चिट्ठीकोरोना के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्य समस्या कोरोना की बढ़ती रफ्तार के मद्देनजर इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करना है। साथ ही उन्होंने होली, गेहूं की कटाई और पंचायत चुनाव के लिए महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे लगा जैसी जगहों से लोगों के लौटने को कोरोना की बड़ी रफ्तार के पीछे की मुख्य वजह करार दिया। प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने 12 जिलों में आरटी पीसीआर टेस्टिंग लैब सुविधा बढ़ाए जाने की जानकारी दी है। वहीं लखनऊ में ही डॉक्टर लाल पैथ लैब और SRL सहित मुख्य पैथोलॉजी चेन्स ने कोरोना सैंपल लेना बंद कर दिया है। सांकेतिक तस्वीर