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Jewar airport news: जेवर एयरपोर्ट से एक्सप्रेस, नियो या लाइट मेट्रो में कौन सही, DMRC देगी राय

नोएडाजेवर में बन रहे दक्षिण एशिया के दूसरे सबसे बड़े एयरपोर्ट को मेट्रो से जोड़ने के लिए डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को सौंप दी है। प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग की तरफ से इस मंजूरी की जानकारी बुधवार रात ईमेल से दी गई। यीडा के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि डीएमआरसी एक्सप्रेस मेट्रो चलाने को लेकर डीपीआर बनाने का काम करेगी।यीडा के ओएसडी ने बताया कि नॉलेज पार्क-2 से जेवर एयरपोर्ट तक 35.64 किमी लंबे मेट्रो रेलमार्ग की डीपीआर बनाने के साथ फिजिबिलिटी रिपोर्ट डीएमआरसी तैयार करेगी। मेट्रो का यह रेलमार्ग 32.27 किमी ऐलिवेटेड और 3.37 किमी अंडरग्राउंड होगा।डीपीआर में मांगी रायउत्तर प्रदेश सरकार ने मेट्रो का संचालन किस तरह किया जाए इसको लेकर भी DMRC को सुझाव देने को कहा है। प्रदेश सरकार ने डीएमआरसी से कहा कि जेवर एयरपोर्ट को मेट्रो से जोड़ने के लिए एक्सप्रेस मेट्रो, नियो मेट्रो या लाइट मेट्रो में कौन सा विकल्प सही होगा। इसके बारे में डीपीआर में राय देने को कहा है।2019 में बनी डीपीआर खारिजयमुना अथॉरिटी ने जेवर एयरपोर्ट को मेट्रो से जोड़ने के लिए डीएमआरसी को डीपीआर बनाने का काम 2019 में सौंपा था। डीएमआरसी ने जेवर एयरपोर्ट को नॉलेज पार्क 2 से जोड़ने के मेट्रो रेलमार्ग का जो डीपीआर तैयार किया था उसमें 25 स्टेशन प्रस्तावित किए थे। इस मेट्रो रेलमार्ग पर 5708 करोड़ रुपये का खर्च दो साल पहले बताया गया है। प्रदेश सरकार ने इस डीपीआर को खारिज करते हुए नए सिरे से डीपीआर बनाने के लिए स्वीकृति दी है।एक्सप्रेस मेट्रो- एक्सप्रेस मेट्रो की गति सौ किमी से ऊपर की होती है, इसमें स्टेशन भी कम होते हैं ताकि यात्री गंतव्य स्थल पर जल्दी पहुंच सकें।लाइट मेट्रो- यह सड़क पर बिजली से चलती है, लाइट मेट्रो में तीन-चार कोच होते हैं। इसका कॉरिडोर बस टर्मिनल की तरह होता है।नियो मेट्रो- सड़क पर बिजली से चलती है। भविष्य में लाइट मेट्रो में इसको लब्दील किया जा सकता है। कोलकाता के ट्राम सेवा की तरह होती है।