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Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ाया परीक्षार्थियों का हौसला, सफलता के बताए मूल मंत्र

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कक्षा 6 से लेकर इंटर तक के विद्यार्थियों में परीक्षा पर चर्चा कर उनका हौसला बढ़ाया। पीएम ने छात्रों से कहा कि सही मार्क्स के स्थान पर एजुकेशन व जीवन में संतुलन बनाए रखने पर ध्यान दें। वहीं अभिभावकों को भी सलाह दी और कहा कि बच्चों पर अपने सपने न थोपें क्योंकि दबाव में बच्चे बिखर जाते हैं। अगर बच्चा असफल भी होता है तो मां-बाप उनका हौसला बढ़ाएं।पीएम ने इस दौरान वाराणसी से किसी छात्र से बातचीत तो नही की लेकिन उनकी हर बात को विद्यार्थियों ने बड़े ही गंभीरता से सुना और उसको जीवन मे अपनाने का संकल्प लिया। केंद्रीय विद्यालय बीएचयू, सनबीम स्कूल, आर्य महिला इंटर कॉलेज, केवी 39 जीटीसी आदि स्कूलों के छात्र, अभिभावकों ने घर पर पीएम मोदी का संवाद सुना। पीएम ने इस दौरान छात्रों को सुझाव दिए।परिवार संग टीबी देखते रहे विद्यार्थी
परीक्षा पे चर्चा पर पीएम को सुनने के लिए शाम से बच्चे टीवी की स्क्रीन के सामने बैठ गए थे। बच्चों ने बड़े ही धैर्यपूर्वक पीएम मोदी की बातों को सुना और गुना। वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा का महत्व है, लेकिन अगर हम ये सोचें कि यह जिंदगी की परीक्षा नहीं है तो हमारा भार कम हो जाएगा। इस परीक्षा के बाहर भी जिंदगी है। परीक्षा को एक अवसर मानें और इसका आनंद उठाएं।पीएम मोदी ने कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। अभिभावकों से उन्होंने बच्चों पर कभी उम्मीदों को न थोपने की सलाह दी। कहा कि अभिभावकों को समझना चाहिए। अपने बच्चों के अंदर की संभावनाओं को पहचानना चाहिए।पीएम मोदी की खास बातें 
परीक्षा जीवन के सपनों का अंत नहीं, जीवन को गढ़ने का एक मौका है।
बोर्ड परीक्षा के लिए सभी विषयों को बराबर समय दें।
परीक्षा की तैयारी करने के दौरान अपने समय को बांटिए।
शिक्षक टाइम मैनेजमेंट व पाठ्यक्रम के बारे में बच्चों से खुलकर बातचीत करें। 
अभिभावक बच्चे की पढ़ाई पर ध्यान दें, उन्हें सुबह उठने के फायदे बताएं। 
छात्र सकारात्मक सोच रखें, इससे सफलता आपके कदम चूमेगी। 
सारी टेंशन परीक्षा हॉल के बाहर छोड़कर जाना चाहिए
आपका मन अशांत रहेगाा, चिंता में रहेगा, तो इस बात की संभावना बहुत ज्यादा होगी कि जैसे ही आप प्रश्न पत्र देखेंगे, कुछ देर के लिए सबकुछ भूल जाएंगे। इसका सबसे अच्छा उपाय यही है कि आपको अपनी सारी टेंशन परीक्षा हॉल के बाहर छोड़कर जाना चाहिए। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कक्षा 6 से लेकर इंटर तक के विद्यार्थियों में परीक्षा पर चर्चा कर उनका हौसला बढ़ाया। पीएम ने छात्रों से कहा कि सही मार्क्स के स्थान पर एजुकेशन व जीवन में संतुलन बनाए रखने पर ध्यान दें। वहीं अभिभावकों को भी सलाह दी और कहा कि बच्चों पर अपने सपने न थोपें क्योंकि दबाव में बच्चे बिखर जाते हैं। अगर बच्चा असफल भी होता है तो मां-बाप उनका हौसला बढ़ाएं।

पीएम ने इस दौरान वाराणसी से किसी छात्र से बातचीत तो नही की लेकिन उनकी हर बात को विद्यार्थियों ने बड़े ही गंभीरता से सुना और उसको जीवन मे अपनाने का संकल्प लिया। केंद्रीय विद्यालय बीएचयू, सनबीम स्कूल, आर्य महिला इंटर कॉलेज, केवी 39 जीटीसी आदि स्कूलों के छात्र, अभिभावकों ने घर पर पीएम मोदी का संवाद सुना। पीएम ने इस दौरान छात्रों को सुझाव दिए।

परिवार संग टीबी देखते रहे विद्यार्थी

परीक्षा पे चर्चा पर पीएम को सुनने के लिए शाम से बच्चे टीवी की स्क्रीन के सामने बैठ गए थे। बच्चों ने बड़े ही धैर्यपूर्वक पीएम मोदी की बातों को सुना और गुना। वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा का महत्व है, लेकिन अगर हम ये सोचें कि यह जिंदगी की परीक्षा नहीं है तो हमारा भार कम हो जाएगा। इस परीक्षा के बाहर भी जिंदगी है। परीक्षा को एक अवसर मानें और इसका आनंद उठाएं।पीएम मोदी ने कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। अभिभावकों से उन्होंने बच्चों पर कभी उम्मीदों को न थोपने की सलाह दी। कहा कि अभिभावकों को समझना चाहिए। अपने बच्चों के अंदर की संभावनाओं को पहचानना चाहिए।पीएम मोदी की खास बातें 

परीक्षा जीवन के सपनों का अंत नहीं, जीवन को गढ़ने का एक मौका है।
बोर्ड परीक्षा के लिए सभी विषयों को बराबर समय दें।
परीक्षा की तैयारी करने के दौरान अपने समय को बांटिए।
शिक्षक टाइम मैनेजमेंट व पाठ्यक्रम के बारे में बच्चों से खुलकर बातचीत करें। 
अभिभावक बच्चे की पढ़ाई पर ध्यान दें, उन्हें सुबह उठने के फायदे बताएं। 
छात्र सकारात्मक सोच रखें, इससे सफलता आपके कदम चूमेगी। 
सारी टेंशन परीक्षा हॉल के बाहर छोड़कर जाना चाहिए

आपका मन अशांत रहेगाा, चिंता में रहेगा, तो इस बात की संभावना बहुत ज्यादा होगी कि जैसे ही आप प्रश्न पत्र देखेंगे, कुछ देर के लिए सबकुछ भूल जाएंगे। इसका सबसे अच्छा उपाय यही है कि आपको अपनी सारी टेंशन परीक्षा हॉल के बाहर छोड़कर जाना चाहिए। 

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