रायपुर। हौसले की मिसाल, इसका जीता जागता उदाहरण हैं बलौदाबाजार की शारदा सोनी। पहले खुद को बुलंद करने शारदा ने अपना गृह उद्योग शुरू किया।
फिर धीरे-धीरे जिले की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया और शारदा कला निकेतन नाम की संस्था बनाकर जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, पापड़ मुरब्बा बनाने की ट्रेनिंग देकर स्वरोजगार की प्रेरणा दीबलौदाबाजार में रहने वाली शारदा सोनी अपने आप में नारी सशक्तिकरण का पर्याय है।
शारदा सोनी की मदद से सैंकड़ों महिलाएं न सिर्फ अपनी परिवारिक जिम्मेदारी निभा रही हैं बल्कि साथ ही अपने स्वंय के रोजगार से आर्थिक रूप से संबल हो रही हैं।शारदा सोनी का विवाह 1981 में बलौदाबाजार में हुआ
। विवाह के बाद शारदा ने खुद को सबल बनाने घर से सिलाई,कड़ाई, बुनाई, पापड़-आचार बनाने जैसा गृह उद्योग शुरू किया। शारदा ने देखा की बलौदाबाजार क्षेत्र के आसपास पिछड़ा हुआ इलाका है,महिलाओं की सामाजिक स्थिति ठीक नहीं
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